सम्पूर्ण विश्व ज्योतिष केंद्र
समस्या आपकी समाधान हमारा
कुंडली
गुरुजी

हमारी प्रमुख सेवाएँ

नीचे दी गई प्रत्येक सेवा में दी गई तस्वीरें केवल शिक्षात्मक उद्देश्य से हैं, ताकि आप आसानी से समझ सकें कि ज्योतिष, ग्रह, नक्षत्र और शरीर के बीच कैसा संबंध माना गया है।

जन्म पत्री
जन्म पत्री

सही जन्म तिथि, समय और स्थान के आधार पर आपकी विस्तृत कुंडली तैयार की जाती है। इससे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों – शिक्षा, विवाह, करियर, धन, संतान, स्वास्थ्य और भाग्य – के योगों का गहन विश्लेषण कर उपयुक्त सलाह दी जाती है।

हस्तरेखा
हस्तरेखा

हथेली की रेखाएँ, पर्वत और चिन्ह आपके स्वभाव, संघर्ष, अवसर और भाग्य को दर्शाते हैं। हथेली की प्रमुख रेखाओं – जीवन रेखा, मस्तिष्क रेखा, हृदय रेखा और भाग्य रेखा – के विश्लेषण से विवाह, नौकरी, व्यापार और स्वास्थ्य से जुड़े संकेतों को समझकर व्यावहारिक मार्गदर्शन दिया जाता है।

मस्तिष्क रेखा एवं शरीर
मस्तिष्क रेखा एवं शरीर संबंध

मस्तिष्क रेखा मन की गहराई, निर्णय क्षमता और एकाग्रता को दिखाती है। वैदिक मतानुसार शरीर के विभिन्न अंगों पर ग्रहों का प्रभाव माना जाता है। मानसिक तनाव, पढ़ाई में कमी या निर्णय की उलझन में मस्तिष्क रेखा और संबंधित ग्रहों की स्थिति देखकर सरल उपाय सुझाए जाते हैं।

ग्रह–राशि तालिका
ग्रह कलेश निवारण

ग्रह–राशि तालिका के माध्यम से यह समझा जाता है कि कौन-सा ग्रह किन राशियों में उच्च, नीच या स्वग्रही होता है। शनि, राहु, केतु, मंगल आदि के कुप्रभाव से उत्पन्न कलह, रुकावट और मानसिक अशांति के लिए पूजा, मंत्रजाप, दान और अनुशासन पर आधारित उपाय बताए जाते हैं।

राशि चक्र
राशि एवं भाग्य विश्लेषण

जन्म राशि और लग्न राशि दोनों आपके स्वभाव, आदतों और सोच पर गहरा प्रभाव डालती हैं। राशि चक्र के माध्यम से यह जाना जाता है कि आपके लिए कौन-सी दिशा, कौन-सा कार्य और कौन-सा समय अधिक अनुकूल रहेगा, ताकि आप सही अवसर को पहचान सकें।

राशि क्या होती है
राशि ज्ञान

‘राशि क्या होती है?’ – इस प्रश्न का उत्तर ज्योतिष की मूल समझ से जुड़ा है। ग्रह जिस मार्ग पर चलते हैं, उसी पथ को बारह राशियों में बाँटा गया है। यह बारह राशियाँ हमारे स्वभाव, सोच, पसंद और निर्णय की शैली पर सूक्ष्म प्रभाव डालती हैं।

भाव–नक्षत्र–अंग
नक्षत्र एवं शरीर संबंध

वैदिक ज्योतिष के अनुसार बारह भाव और सत्ताईस नक्षत्र शरीर के अलग–अलग अंगों से जुड़े माने जाते हैं। जब किसी नक्षत्र या भाव पर अशुभ प्रभाव पड़ता है तो उससे संबंधित अंग, क्षेत्र या विषय में बाधा आती है। उचित उपाय से इन प्रभावों को संतुलित किया जा सकता है।

शरीर पर ग्रह प्रभाव
स्वास्थ्य एवं ग्रह योग

शरीर पर ग्रहों के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य से जुड़ी संभावनाएँ देखी जाती हैं। कौन-सा ग्रह किस अंग से संबंधित है, यह जानकर बीमारी के कारणों की ज्योतिषीय पृष्ठभूमि समझी जा सकती है और अनुरूप जीवनशैली एवं पूजा–पाठ के सुझाव दिए जाते हैं।

नक्षत्र सूची
नक्षत्र विश्लेषण

अश्विनी से लेकर रेवती तक सत्ताईस नक्षत्र जीवन के अलग-अलग गुणों, स्वभाव और घटनाओं से जुड़े माने जाते हैं। आपके जन्म नक्षत्र और वर्तमान गोचर नक्षत्र के आधार पर शुभ समय, यात्रा, अनुबंध और नए कार्य की योजना बनाई जा सकती है।

नवांश चक्र
विवाह एवं भाग्य नवांश

नवांश कुंडली विशेष रूप से विवाह, दांपत्य सुख और भाग्य से संबंधित मानी जाती है। जन्म कुंडली के साथ नवांश का मिलान करके यह देखा जाता है कि विवाह कब, किस प्रकार और किस स्तर का होगा, तथा भविष्य में संबंध कैसा रहेगा।

वास्तु एवं केंद्र
वास्तु एवं केंद्र परामर्श

घर, दुकान या कार्यालय के लिए दिशा, प्रवेश द्वार, पूजा स्थान और बैठने की व्यवस्था का सही चयन अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरल वास्तु सिद्धांतों के माध्यम से स्थान में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के उपाय सुझाए जाते हैं, जिससे मन, धन और संबंध तीनों में संतुलन बने।

कुंडली दोष निवारण
कुंडली दोष निवारण

मांगलिक दोष, कालसर्प दोष, पितृदोष, गुरु–चांडाल योग आदि विशेष योगों का विश्लेषण करके उनके प्रभाव को कम करने के लिए मंत्र, दान, व्रत, पाठ और रत्न के माध्यम से निवारण बताया जाता है, ताकि जीवन में बाधाएँ कम होकर सुख–शांति बढ़ सके।

📞 🟢